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Kiratarjunium
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किरातार्जुनीयम्
प्रथमसर्गः
लेखकः – महाकविभारविः
सम्पादकः – सर्वज्ञभूषणः
व्याख्याकारः – श्यामकिशोरमिश्रः
Description
किरातार्जुनीयम्
प्रथमसर्गः
लेखकः – महाकविभारविः
सम्पादकः – सर्वज्ञभूषणः
व्याख्याकारः – श्यामकिशोरमिश्रः
- किरातार्जुनीयम् प्रथमसर्ग की व्याख्या संस्कृतजगत् को समर्पित करते हुए वनेचर की तरह अत्यन्त रोमाञ्चित एवम् उत्साहित हो रहा हूँ।
- यह कार्य जून-2019 से प्रारम्भ हुआ था, लेकिन विभिन्न बाधाओं को पार करके तीन वर्ष बाद जनवरी-2022 में सम्पन्न हो सका।
- पिछले 15 वर्षों के अध्यापन अनुभव के आधार पर मुझे लगा कि अध्येताओं का समझ सामर्थ्य अब वैसा नहीं रहा जैसा प्राचीनकाल में हुआ करता था इसीलिए तो छात्रों को अब आचार्य मल्लिनाथ की घण्टापथ टीका को समझना किरातार्जुनीय के मूल श्लोकों से भी ज्यादा कठिन प्रतीत होने लगा।
- मैंने अध्यापकीय जीवन में यह भी अनुभूत किया कि छात्रों को श्लोकों का अर्थ, अन्वय, पदच्छेद, व्याकरणात्मक टिप्पणी आदि में बहुत कठिनाइयाँ प्रतीत होती थीं। इसीलिए इस व्याख्या को निम्न बिन्दुओं के आधार पर लिखा गया है जिसमें प्रसङ्ग, मूलश्लोक, पदच्छेद, अन्वय, शब्दार्थ, हिन्दी अनुवाद, घण्टापथ टीका, संस्कृतव्याख्या, पद परिचय, व्याकरणात्मक टिप्पणी, साहित्यिक टिप्पणी, कोष, परीक्षादृष्टि आदि को सम्मिलित किया गया है। व्याकरणात्मक टिप्पणी में सन्धि, समास, कारक, प्रत्यय, क्रियापदपरिचय आदि को पृथक्-पृथक् दिया गया है। ऐसे ही साहित्यिक परिचय में छन्द, अलङ्कार, गुण, रीति आदि की चर्चा की गयी है।
Additional information
Weight | 400 g |
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Dimensions | 20 × 14 × 1 cm |
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