NeetiShatakam
₹130.00
भर्तृहरि नीतिशतकम्
भर्तृहरि के तीनों शतकों में केवल प्रकरण की दृष्टि से शृङ्गारिक पद्य शृङ्गारशतक में, वैराग्यविषयक वैराग्यशतक में तथा नीति विषयक नीतिशतक में रखे गये हैं।
Description
भर्तृहरि नीतिशतकम्
- अग्निपुराण में मुक्तक का लक्षण इस प्रकार दिया है- ‘मुक्तकं श्लोक एकैकश्चमत्कारक्षमं सताम्’ अर्थात् मुक्तक वह काव्य है जिसका प्रत्येक श्लोक स्वतन्त्र रूप से अपने सर्वाङ्गीण अर्थ प्रकाशन में पूर्ण समर्थ होकर सहृदयों के हृदय में चमत्कार का आधायक होता है ।
- इसके एक पद्म का दूसरे पद्य से कोई सम्बन्ध नहीं होता।
- भर्तृहरि के तीनों शतकों में केवल प्रकरण की दृष्टि से शृङ्गारिक पद्य शृङ्गारशतक में, वैराग्यविषयक वैराग्यशतक में तथा नीति विषयक नीतिशतक में रखे गये हैं।
- केवल प्रकरणगत एकता का ही इनमें परस्पर सम्बन्ध है, अन्यथा इनका प्रत्येक पद्य अपने में स्वतः पूर्ण है और अकेला ही रम-चर्वणा का सामर्थ्य रखता है।
- यह असन्दिग्ध रूप से कहा जा सकता है कि नीतिरत्न, नीतिप्रदीप, नीतिमार, चाणक्यनीति आदि नीतिविषयक भी सूक्त्यात्मक पद्य-संग्रह हैं, उन सबमें भर्तृहरि का नीतिशतक सर्वश्रेष्ठ है ।
Additional information
Weight | 152 g |
---|
Reviews
There are no reviews yet.