Praod Rachananuwadkomudi

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प्रौढ़ रचनानुवादकौमुदी

लेखक: डॉ. कपिलदेव द्धिवेदी आचार्य

नवीनतम वैज्ञानिक पद्धति से लिखी गयी संस्कृत व्याकरण,

अनुवाद और निबन्ध की पुस्तक

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प्रौढ़ रचनानुवादकौमुदी

लेखक: डॉ. कपिलदेव द्धिवेदी आचार्य

नवीनतम वैज्ञानिक पद्धति से लिखी गयी संस्कृत व्याकरण,

अनुवाद और निबन्ध की पुस्तक

  • डॉ० कपिलदेव द्विवेदी ने प्रौढ रचनानुवादकौमुदी करके उस काम की पूर्ति की है जो रचनानुवादकौमुदी से आरम्भ हुआ था।
  • मैं स्वयं संस्कृत व्याकरण और साहित्य का इतना ज्ञान नहीं रखता कि पुस्तक के गुण-दोषों की यथार्थ समीक्षा कर सकूँ।
  • परन्तु उसका स्वरूप ऐसा है जिससे मुझको यह प्रतीत होता है कि वह उन लोगों को निश्चय ही उपयोगी प्रतीत होगी जिनके लिए उसकी रचना हुई है।
  • मैं संस्कृत ग्रन्थों को पढ़ता रहता हूँ। कभी-कभी संस्कृत में कुछ लिखने का भी प्रयास करता हूँ।
  • मुझे ऐसा लगता है कि इस पुस्तक से मेरे जैसे व्यक्ति को सहायता मिलेगी और कई भद्दी भूलों से त्राण हो जायेगा।
  • यो तो संस्कृत के प्रामाणिक व्याकरणों का स्थान दूसरी पुस्तकें नहीं ले सकतीं, फिर भी जिन लोगों को किन्हीं कारणों से उनके अध्ययन का अवसर नहीं मिला है, उनके लिए प्रौढ-रचनानुवादकौमुदी जैसी पुस्तकें वस्तुतः बहुमूल्य है।

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Weight 415 g

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