Sanskrit Vyakaran Pravesika
₹210.00
संस्कृत व्याकरण प्रवेशिका
– डॉ० बाबूराम सक्सेना
- प्राक्कथन
- वर्ण संधि
- संधि विचार
- स्वर संधि, इत्यादि
Description
संस्कृत व्याकरण प्रवेशिका
– डॉ० बाबूराम सक्सेना
प्राक्कथन, वर्ण संधि, संधि विचार, स्वर संधि, इत्यादि
- इस पुस्तक का प्रथम संस्करण बारह-तेरह वर्ष पूर्व निकला था। उस समय हिन्दी के माध्यम से संस्कृत की पढ़ाई कहीं-कहीं ही होती थी। अंग्रेजी का बोल था। तब भी हिन्दी भाषी क्षेत्र में सभी विश्वविद्यालयों और बोर्ड ने इसे स्वीकृत किया और विद्वत्समाज ने इसका समुचित ही नहीं, प्राशातीत पादर किया । हिन्दी में संस्कृत व्याकरण की सर्वांगपूर्ण पुस्तक इसके पूर्व नहीं थी ।
- संस्कृत व्याकरण के विषय में कोई बात मौलिक कहना असंभव है. किन्तु विषय के प्रतिपादन में कुछ नवीनता हो सकती है। प्रस्तुत ग्रन्थ में हिन्दी भाषा के प्रयोगों से संस्कृत के व्याकरण की तुलना करके विषय को समझाने का प्रयत्न किया गया है। पाणिनि की परिभाषायों को तथा प्रत्ययों के नामों को उसी रूप में क्या है, जिससे विद्यार्थी को आगे चलकर कठिनाई और श्रम न हो पाणिनि की पद्धति को समझाने का यथेष्ट प्रयत्न भी किया गया है। पाद-टिप्प गियों में सूत्र उद्धृत कर दिये गये हैं। उदाहरणों का बाहुल्य विषय को स्पष्ट करने के लिए रक्खा गया है। परिशेषों में आवश्यक जानकारी को नीज है। इस प्रकार पुस्तक को यथा-साध्य उपयोगी बनाने का उद्योग किया गया है।
- हिन्दी के माध्यम से यब ऊँची से ऊँची शिक्षा दी जायगी। इस दृष्टि से वर्तमान संस्करण में यथेष्ट परिवर्धन कर दिया गया है। प्राशा है कि बी० ए० तक के विद्यार्थियों के लिए यह उपयोगी सिद्ध होगा। परिवर्तन के कार्य में श्री विद्यानिवास मिश्र ने प्रारम्भिक थोड़े से ग्रंश में और शेष समस्त पक्ष में प्रसाद मिश्र ने पर्याप्त मदद दी है। प्रथम संस्करण में मेरे पुराने शिष्य १० रामकृष्ण शुक्ल ने सहायता दी थी। प्रस्तुत संस्करण प्रूफ यादि देखने का (साभार उन्हीं के ऊपर था। जिस लगन और परिश्रम से शुक्ल जी ने अपना काम निभाया है, उसे देखकर प्रसन्नता होती है। में इन तीनों शिष्यों का आभार मानता है।
Additional information
Weight | 370 g |
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