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Saptagangam

113.00

TGT संस्कृत मूलपाठ सप्तगङ्गम्

TGT  हेतु उपयोगी

यत् सारभूतं तदुपासनीयम्

संशोधित एवं परिवर्धित संस्करण

हम 7 : साथ हैं
  1. कादम्बरी (शुकनासोपदेश)
  2. शिवराजविजयम (प्रथम निःश्वास)
  3. किरातार्जुनीयम् (प्रथमसर्ग)
  4. अभिज्ञानशाकुन्तलम् (चतुर्थ अङ्क)
  5. उत्तररामचरितम् (तृतीय अङ्क)
  6. मेघदूतम् (सम्पूर्ण)
  7. नीतिशतकम् (सम्पूर्ण)
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Description

TGT संस्कृत मूलपाठ सप्तगङ्गम्

यत् सारभूतं तदुपासनीयम्

संशोधित एवं परिवर्धित संस्करण

हम 7 : साथ हैं
  1. कादम्बरी (शुकनासोपदेश)
  2. शिवराजविजयम (प्रथम निःश्वास)
  3. किरातार्जुनीयम् (प्रथमसर्ग)
  4. अभिज्ञानशाकुन्तलम् (चतुर्थ अङ्क)
  5. उत्तररामचरितम् (तृतीय अङ्क)
  6. मेघदूतम् (सम्पूर्ण)
  7. नीतिशतकम् (सम्पूर्ण)
  • प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT) संस्कृत के पाठ्यक्रम में निर्धारित सा साहित्यिक ग्रन्थों (किरातार्जुनीयम् प्रथमसर्ग, मेघदूतम्, नीतिशतकम्, अभिज्ञानशाकुन्तलम् चतुर्व अङ्ग, उत्तररामचरितम् तृतीय अङ्क, कादम्बरी शुकनासोपदेश, शिवराजविजय प्रथम निःश्वास) के सङ्कलन के साथ-साथ संस्कृतव्याकरण प्रवेशिका-बाबूराम सक्सेना के आधार पर शब्दरूप, धातुरूप संस्कृतसंख्याओं एवं प्रमुख छन्दों का परिचय भी संकलन इस सप्तगङ्गम् नामक पुस्तक में किया गया है।
  • इस पुस्तक का नामकरण अव्ययीभाव समास के अन्तर्गत आये ‘नदीभिश्च’ सूत्र के आधार पर ‘सप्तगङ्गम्’ (सप्तानां गङ्गानां समाहारः) किया गया है। मानों TGT संस्कृत के पाठ्यक्रम में निर्धारित सातों साहित्यिक रचनाओं को गङ्गा सदृश शीतल एवं पावन मानकर अपने कैरियर रूपी नैय्या को पार लगाने की आशा की गयी है। जिस प्रकार सभी नदियाँ गंगा में मिलकर अन्ततोगत्वा गंगा ही हो जाती हैं, उसी प्रकार इस ‘सप्तगङ्गम्’ नामक पुस्तक में सातों साहित्यिक रचनायें एक ही पुस्तक में समाहित हो गयी हैं।
  • इस पुस्तक के द्वारा TGT के परीक्षार्थियों को वाचन (पारायण) करने में आसानी होगी, वाचन करने के लिए छात्रों को सात अलग-अलग ग्रन्थ पढ़ने पड़ते थे। शब्दरूप, धातुरूप पढ़ने के लिए अन्यान्य ग्रन्थों का सहारा लेना पड़ता था, इस पुस्तक में केवल मूलपाठ होने से, पुस्तक का आकार छोटा है, जिससे इसको कह भी ले जाने ले आने में सुविधा होगी।
  • TGT संस्कृत पाठ्यक्रम में निर्धारित सभी ग्रन्थों का मूलपाठ एक ही ग्रन्थ में मिल जाने से यह पुस्तक प्रतियोगी साथियों के लिए “All in One” कही जा सकती है।
  • TGT पाठ्यक्रम में निर्धारित सभी ग्रन्थ एक ही स्थान पर प्राप्त होने से वाचन शीघ्र हो जाएगा। किरातार्जुनीयम्, नीतिशतकम्, मेघदूतम्, अभिज्ञानशाकुन्तलम् उत्तररामचरितम् इन पद्यात्मक ग्रन्थों में लगभग 360 श्लोक प्राप्त होते हैं, तथा शुकनासोपदेश एवं शिवराजविजय में गद्य प्राप्त होता है। सातो साहित्यिक ग्रन्थ तथा शब्दरूप, धातुरूप आदि का वाचन अधिकतम 5 घण्टों में किया जा सकता है।

Additional information

Weight 192 g
Dimensions 21.1 × 13.5 × 1 cm

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