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SHIVRAJVIJAY
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शिवराजविजयः ऐतिहासिक उपन्यासः
प्रथमो विरामः,प्रथमनिः श्वासः
लेखक- अम्बिकादत्तव्यासः
व्याख्याकार- सर्वज्ञभूषणः
Description
शिवराजविजयः ऐतिहासिक उपन्यासः
प्रथमो विरामः,प्रथमनिः श्वासः
लेखक- अम्बिकादत्तव्यासः
व्याख्याकार- सर्वज्ञभूषणः
- शिवाजी के काल में दो-दो कोस पर आश्रम बने हुए थे, जो मुसलमानों की गतिविधियों पर नजर रखते थे।
- बीजापुर दरबार ने शिवाजी से युद्ध के लिए अफजल खाँ को भेजा। उस समय शिवाजी ‘प्रतापदुर्ग’ में थे।
- अफजल खाँ ने ‘भीमा नदी के तट पर शिविर डाल दिया।
- बीजापुर के शासक ‘सन्धि के धोखे से शिवाजी को पकड़ना चाहते थे।
- एक यवन गुप्तचर जो बीजापुर दरबार का पत्र ले जा रहा था, उसने मार्ग में एक ब्राह्मण कन्या का अपहरण किया।
- एक भालू के आ जाने से वह यवन युवक उस कन्या को छोड़कर ‘शाल्मली’ वृक्ष पर चढ़ गया।
- ब्रह्मचारी गुरु के शिष्य ‘गौरसिंह’ और श्यामसिंह द्वारा वह कन्या बचा ली गई।
- यवन गुप्तचर गौर सिंह द्वारा मारा गया तथा बीजापुर का गुप्त संदेश उसके वस्त्रों में से गौरसिंह को प्राप्त हुआ।
- गुप्त संदेश को जानकर शिवाजी ने स्वयं अफजल खाँ को छलने की योजना बनायी।
- बीजापुर से सन्धि प्रस्ताव लेकर भेजे गये पं. गोपीनाथ’ द्वारा प्रतापदुर्ग की तलहटी में अफजल खाँ से मिलने का शिवाजी ने प्रबन्ध किया।
- गौर सिंह ‘गायक’ के वेश में अफजल खाँ के शिविर में जाकर सम्पूर्ण भेद निकाल लाया।
- ॐ शिवाजी कपड़ों के अन्दर कवच और हाथों में ‘बाघनख’ नामक हथियार पहन कर अफजल खाँ से मिलने गये।
Additional information
Weight | 216 g |
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Dimensions | 21 × 13.7 × 1.1 cm |
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